झारखंड के जामताड़ा जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे में पंचायत सहायक प्रमिला सोरेन की मौत हो गई। यह हादसा जामताड़ा थाना क्षेत्र के ब्लॉक रोड पर हुआ, जब एक चारपहिया वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी।
स्थानीय लोगों की मदद से प्रमिला को पारस हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां उनकी स्थिति गंभीर बताई गई और उन्हें उच्च संस्थान के लिए रेफर किया गया। दुर्भाग्यवश, रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई।
प्रमिला सोरेन सुखजोड़ा पंचायत के जुरगुडीह गांव की निवासी थीं और ब्लॉक रोड के पास एक किराए के मकान में रहती थीं, ताकि वे अपनी पंचायत सहायक की ड्यूटी सुचारु रूप से निभा सकें।
घटना के बाद आक्रोशित लोगों ने PWD कार्यालय के समीप सड़क जाम कर विरोध जताया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए वाहन को जामताड़ा-नारायणपुर रोड पर पकड़ लिया है।
यह घटना एक बार फिर पंचायत सहायकों की सुरक्षा और कल्याण को लेकर राज्य सरकार की उदासीनता पर प्रश्नचिह्न लगाती है।
न पंचायत सहायकों को स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल किया गया है।
न उनके निधन के बाद परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति का कोई ठोस प्रावधान है।
क्या सरकार इन संविदाकर्मी सहायक कर्मियों को केवल कागजी मशीन समझती है?
क्या उनकी जान की कोई कीमत नहीं?
पंचायत सहायकों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की जाए।
दुर्घटना या मृत्यु की स्थिति में परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
कार्यस्थल पर सुरक्षा और यात्रा हेतु भत्ता प्रदान किया जाए।
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